मेहदी हसन साहब का एक ये मूड भी देखिये. इस रंग के गीत भी खां साहब के यहां इफ़रात में पाये जाते हैं.
इस गीत को पेश करता हुआ मैं अपनी एक गुज़ारिश भी आप के सामने रखता हूं - अगर आप बहुत कलावादी या शुद्धतावादी हैं तो कृपा करें और इस गीत को न सुनें, लेकिन मेहदी हसन को मोहब्बत करते हैं तो पांच मिनट ज़रूर दें. सुनिये "ओ मेरे सांवरे सलोने मेहबूबा"
*आज सुख़नसाज़ के वरिष्ठतम साजिन्दे संजय पटेल का जन्मदिन भी है. यह मीठा गीत में उन्हीं की नज़्र करता हूं.
'राह देखा करेगा सदियों तक छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा’ : मीना कुमारी की याद
में
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मीना आपा के भीतर कोई चंचल-शोख़ और मन की उड़ान भरती कोई बेफिक्र लड़की रही
होगी...शायद कभी...क्या पता।
पर उनके जीवन पर उदासी का ग्रहण इतना गहरा था कि व...
2 years ago
10 comments:
bhai bhot badhiya !
सुब्हान अल्लाह...
नई सी आवाज लगी मेरे को लगता नहीं की ये वो ही हैं वैसे ये रूप भी पसंद आया। धन्यवाद
bahut umda...
अशोक जी
बहुत ही सुन्दर गीत सुनवाया है आपने। आभार।
सुन्दर गीत सुनवाया..आभार.
सुन्दर गीत
अच्छा गीत. बहुत ही सुन्दर.
बहुत सही फ़रमाया आपने, ये कला वादी या शुद्धता वादी होकर भी मेहदी सहाब को मेहसूस नही किये तो क्या जिये.उनसे कोई जा के कहे कि इसमें भी सूफ़ियाना रंग देखें.
संजय पटेल जी को जन्म दिन की बधाईयां. आज मानता हूं -
युं ज़िंदगी की राह में टकरा गया कोई,
मंज़िल का रास्ता मुझे दिखला गया कोई..
इस ब्लॊग का पता उन्होने ही दिया है.
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