मेहदी हसन साहब की एक प्रसिद्ध फ़िल्मी कम्पोज़ीशन प्रस्तुत है:
ख़ुदा करे कि मोहब्बत में ये मक़ाम आये
किसी का नाम लूं लब पे तुम्हारा नाम आए
कुछ इस तरह से जिए ज़िन्दगी बसर न हुई
तुम्हारे बाद किसी रात की सहर न हुई
सहर नज़र से मिले, ज़ुल्फ़ ले के शाम आए
किसी का नाम लूं लब पे तुम्हारा नाम आए
ख़ुद अपने घर में वो मेहमान बन के आए हैं
सितम तो देखिए अनजान बन के आए हैं
हमारे दिल की तड़प आज कुछ तो काम आए
किसी का नाम लूं लब पे तुम्हारा नाम आए
वही है साज़ वही गीत वही मंज़र
हरेक चीज़ वही है नहीं हो तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें उठें सलाम आए
किसी का नाम लूं लब पे तुम्हारा नाम आए
'राह देखा करेगा सदियों तक छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा’ : मीना कुमारी की याद
में
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मीना आपा के भीतर कोई चंचल-शोख़ और मन की उड़ान भरती कोई बेफिक्र लड़की रही
होगी...शायद कभी...क्या पता।
पर उनके जीवन पर उदासी का ग्रहण इतना गहरा था कि व...
2 years ago
5 comments:
वाह भाई ... बहुत ख़ूब !! अब तो सच में आप का ही नाम आ रहा है लब पे ..... मस्त कित्ता भाई ... इन्हीं मस्तियों की बात तो करता हूँ मैं ..... पुरानी यादें है भाई .. समझा करो ...
वही है साज़ वही गीत है वही मंज़र
हरेक चीज़ वही है नहीं हो तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें उठें सलाम आए ...
वाह मस्त कर दिया जी।
हमारे दिल की तड़प आज कुछ तो काम आए
किसी का नाम लूं लब पे तुम्हारा नाम आए
" wah wah , enjoyed reading it, mind blowing"
Regards
bahut khoob...achcha laga.
यह मकाम तो आ ही गया. लबों पर मेहदी खां सहाब का , और उसके बाद आपका नाम आया. खुदा करे उन्हे और आप को हर खुशियां नसीब हों.
ये गाना, और इसके साथ के और गाने आज से २५ साल पहले सुनते थे, और आज फ़िर यह सुना तो दिल बाग बाग हो गया.मगर यह गीत की जो रेकॊर्डिंग आपनें लगाई है वह बडी है L P वाली शायद (Original Soundtrack), मेरे पास जो है वह 78 r.p.m. वाला होगा.मात्र तीन अंतरे वाला ,पर इतना बडा अंतिम piece नही था.
क्या आपके पास यह गीत भी है?-
सता सता के हमें अश्कबार करती है..
या
हम को आये नही जीने के करीने यारों..
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