Sunday, September 9, 2012

तू आ जा रसिया नदिया किनारे मोरा गाँव


पिछला लम्बा अरसा अनेक लगातार लगातार मरहूम उस्ताद मेहदी हसन खान साहब को सुनने में बीता. आज आपको सुनवाता हूँ उनकी एक दुर्लभ कम्पोज़ीशन - तू आ जा रसिया नदिया किनारे मोरा गाँव

 

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