Friday, September 7, 2012

खबर क्या थी छुपी है मेरे दामन में भी चिंगारी ...


१९७३ में पकिस्तान में एक फिल्म आई थी – ‘दामन और चिंगारी’. मंज़ूर अशरफ़ के संगीत निर्देशन में एक बार फिर मेहदी हसन साहब ने मंसूर अनवर के गीत को आवाज़ बख्शी थी.

वही गीत सुनिए एक महफ़िल में दूसरे ही अंदाज़ में -



हमारे दिल से मत खेलो, खिलौना टूट जाएगा
ज़रा सी ठेस पहुंचेगी ये शीशा टूट जाएगा

यहाँ के लोग तो दो गाम चल के छोड़ देते हैं
ज़रा सी देर में बरसों के रिश्ते तोड़ देते हैं
खबर क्या थी कि किस्मत का सितारा डूब जाएगा

जो मिलते हैं बज़ाहिर दोस्त बनकर राज़दां बनकर
छुपे रहते हैं उनकी आस्तीनों में कई खंज़र
खुलेगी आँख तो सपना सुहाना टूट जाएगा

खबर क्या थी छुपी है मेरे दामन में भी चिंगारी
लगेगी आग गुलशन में जलेगी सारी फुलवारी
गिरेंगी बिजलियाँ इतनी नज़ारा टूट जाएगा.

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