ग़ज़ल के जगमगाते कलश कंठ से जब कोई रचना झर रही हो तो लगता है जीवन के बाक़ी सुखों की तलाश बेमानी है. छोटी से रचना है उस्ताद मेहंदी हसन साहब की गाई हुई लेकिन इतने में भी वे बता देते हैं कि वे किस बलन के फ़नकार हैं.आलाप से ही जाँच लीजिये कि क्या तसल्ली है किसी बंदिश को डिज़ाइन करने की. उस्तादजी के बारे में सारी प्रशंसाएँ छोटी पड़ जाएं तो लगता है उनके हाथ का बाजा (हारमोनियम) ही सुन लीजै. हाय ! क्या रवानी है रीड्स पर . कितने हैं जो ख़ुद गाते हुए इस सहजता से बाजा बजाते जाते हैं.उस्ताद के बारे में यह कहने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा कि वे बित्ती सी रचना को करिश्मा बनाने का हुनर रखते हैं.अब इस रचना का क्राफ़्ट ही देख लीजियेगा...बड़ा सादा है लेकिन मेहंदी हसन हैं जनाब कि शायर के दामन के लिये दाद बटोर लेते हैं.
हाँ एक ख़ास बात बताता चलूँ ? भारतरत्न लता मंगेशकर तनहाई में जिस एकमात्र गायक की रचनाएँ सुनना पसंद करती हैं उसका नाम मेहंदी हसन है.
'राह देखा करेगा सदियों तक छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा’ : मीना कुमारी की याद
में
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मीना आपा के भीतर कोई चंचल-शोख़ और मन की उड़ान भरती कोई बेफिक्र लड़की रही
होगी...शायद कभी...क्या पता।
पर उनके जीवन पर उदासी का ग्रहण इतना गहरा था कि व...
2 years ago
7 comments:
उन्होने डूब के गाया है और सुनने वालों ने उतना ही डूब के सुना है । शुक्रिया ।
बहुत खूब जितनी बार सुनो कम लगता है धन्यवाद्
is ghazal ko yaad dilane ke liye shukriya...
is ghazal ko yaad dilane ke liye shukriya...
Subhan Allah..lajawab.
neeraj
क्या खूबसूरत खयाल है,
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं,
ये जो एहसास है वह कितना सकारात्मक है, ज़िंदगी को जीने के लिये..
मेंहदी साहब बादशाह-ए-गज़ल है..
इस गज़ल को कई बार सुनी पर हर बार उतना ही आनन्द आया जितना पहली बार मिला था।
ये हसन साहब की गायकी का ही कमाल है, जिसने एक सामान्य रचना को अमर बना दिया।
बहुत बहुत धन्यवाद एक बार फिर सुनवाने के लिये।
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