'राह देखा करेगा सदियों तक छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा’ : मीना कुमारी की याद
में
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मीना आपा के भीतर कोई चंचल-शोख़ और मन की उड़ान भरती कोई बेफिक्र लड़की रही
होगी...शायद कभी...क्या पता।
पर उनके जीवन पर उदासी का ग्रहण इतना गहरा था कि व...
2 years ago
3 comments:
जो रुके तो कोह-ए-गरां थे हम, जो चले तो जां से गुज़र गए
रह-ए-यार हम ने क़दम क़दम, तुझे यादगार बना दिया
faiz ki behtareen shaeri aur us par iqbal bano ki awaz ,kamal ka combination hai ,
maza aa gaya .
shukriya
दिल-ए-रेज़ा रेज़ा गंवा दिया ...
जिंदगी बड़ी तेज़ी से खत्म होती महसूस हो रही है |
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