आज खान
साहब मेहदी हसन की पहली बरसी है. अभी अभी भाई संजय पटेल ने याद दिलाया. उस्ताद को
याद करते हुए पेश है कबाड़खाने से एक पुरानी पोस्ट-
मेरे पास मेहदी हसन साहब का एक तीन सीडी वाला सैट है. विशुद्ध शास्त्रीय शैली में गाई उस्ताद की ग़ज़लों की इस पूरी श्रृंखला के नगीने मैं, जब-तब एक-एक कर आपकी खि़दमत में पेश करूंगा. आज आप बस उस्ताद को बोलते हुए सुनिए. महफ़िल शुरू करने से पहले वे अपने गायन का संक्षिप्त इतिहास बताते हुए ग़ज़ल-गायकी और शास्त्रीय संगीत की बारीकियों को तो बताते ही हैं, उर्दू शायरी के बड़े नामों का ज़िक्र भी बहुत अदब और मोहब्बत के साथ करते हैं.
मेहदी हसन साहब को श्रद्धांजलि के तौर पर यह बहुत ख़ास प्रस्तुति:
3 comments:
ehandi hasan sahab ko koi bhul hi nhi sakta,..........
Aesa Ghazal Gaayak n aaya hai n aayega..Azeem shakshiyat...
simply great
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