ख़ान साहेब मेहदी हसन ने अपना शागिर्द-ए-अव्वल माना था परवेज़ मेहदी को.
अगस्त २००५ को इस गायक का इन्तकाल हो गया फ़कत अठ्ठावन की उम्र में. उनके वालिद जनाब बशीर हुसैन ख़ुद एक अच्छे क्लासिकल वोकलिस्ट थे और बचपन से ही उन्होंने परवेज़ को संगीत सिखाया. बाद में लम्बे अर्से तक मेहदी हसन साहेब की शागिर्दी में उन्होंने ग़ज़ल गायन की बारीकियां सीखीं. परवेज़ मेहदी नाम भी मेहदी हसन ख़ान साहेब का दिया हुआ था. इन का असली नाम परवेज़ अख़्तर था. उस्ताद अहमद क़ुरैशी से इन्होंने सितार की भी तालीम ली थी.
परवेज़ मेहदी सुना रहे हैं मुनीर नियाज़ी साहब की ग़ज़ल. इसे अर्सा पहले ग़ुलाम अली ने भी गाया था.
आज़ादी के बाद की पाकिस्तानी उर्दू शायरी में मुनीर नियाज़ी (१९२८-२००७) को फैज़ अहमद फैज़ और नून मीम राशिद के बाद का सबसे बड़ा शायर माना जाता है. यह शायर ताज़िन्दगी अपनी तनहाई से ऑबसेस्ड रहा और एक जगह कहता है:
इतनी आसाँ ज़िंदगी को इतना मुश्किल कर लिया
जो उठा सकते न थे वह ग़म भी शामिल कर लिया
फ़िलहाल ग़ज़ल सुनिये.
बेचैन बहुत फिरना, घबराए हुए रहना
एक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना
छलकाए हुए रखना ख़ुशबू-लब-ए-लाली की
इक बाग़ सा साथ अपने महकाए हुए रहना
इस हुस्न का शेवा है, जब इश्क नज़र आए
परदे में चले जाना, शर्माए हुए रहना
इक शाम सी कर रखना काजल के करिश्मे से
इक चांद सा आंखों में चमकाए हुए रहना
आदत ही बना ली है, तुमने तो मुनीर अपनी
जिस शहर में भी रहना उकताए हुए रहना
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में
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होगी...शायद कभी...क्या पता।
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2 years ago
10 comments:
gajal achchi lagi ....
बढ़िया
badhiya gajal . likhate rahiye.
बहुत बढ़िया.
बहुत ही उम्दा।
बेचैन बहुत फिरना, घबराए हुए रहना
एक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना
छलकाए हुए रखना ख़ुशबू-लब-ए-लाली की
इक बाग़ सा साथ अपने महकाए हुए रहना
waah ji waah ...! bhot bhot shukariya itani badhia gazal sunwane k liye...!!
ab main ky kahun...bahot hi khubsurati se gaaee gai hai ye gazal.. haalaaki maine janaab ghulaam ali sahab ki aawaaz me nahi suni hai magar inke aawaaz me puri tarah se fit hai ye gazal...
aapka
aabhaar..
arsh
aapki ye dukaan bhi oonchi aur pakvaan bhee badhiya !
बहुत उम्दा, एक गफलत भी दूर हूई !
अपने उस्ताद की तरह ही परवेज़ मेहदी की आवाज़ में माधुर्य, लोच और ठहराव है, इसलिये आंख बंद कर के खां साहब का तसव्वूर कर ये गीत सुन रहा हूं.
इसे किसी और नें भी गाया है, मगर ये प्रस्तुति उम्दा है, बेहतर है.
आप से काफ़ी दिनों बाद सुना, मन प्रसन्न हुआ , आशा है, नव वर्ष के पावन आमद पर आपसे इसी तरह से निरंतर सुनने का मौका मिलेगा.
नव वर्ष की शुभकामनायें.
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