Monday, October 27, 2008

दीवाने आदमी हैं ....


सभी दोस्तों को दीपावली की मंगलकामनाएं .....

हर जगह धूम है दिवाली की .... आप के posts पढ़ कर मौसम और मौक़े का ख़ुमार तेज़तर हो रहा है ...

लिख पाना अक्सर भारी पड़ता है मुझ पर .... लेकिन जो अपने हक़ में है वो तो कर ही रहा हूँ .....

एक शेर याद आता है :

"ज़ब्त करना सख्त मुश्किल है तड़पना सह्ल है
अपने बस का काम कर लेता हूँ आसाँ जानकर"


सह्ल = आसान


तो अपने बस का काम कर रहा हूँ ... इसी में मस्त हूँ ..... आप भी सुनिए मल्लिका पुखराज की आवाज़ में एक ग़ज़ल ............





ज़ाहिद न कह बुरी कि ये मस्ताने आदमी हैं
तुझ से लिपट पड़ेंगे, दीवाने आदमी हैं

गै़रों की दोस्ती पर क्यों ऐतबार कीजे
ये दुश्मनी करेंगे, बेगाने आदमी हैं

तुम ने हमारे दिल में घर कर लिया तो क्या है
आबाद करते... आख़िर वीराने आदमी हैं

क्या चोर हैं जो हम को दरबाँ तुम्हारा टोके
कह दो कि ये तो जाने-पहचाने आदमी हैं

9 comments:

Ek ziddi dhun said...

क्या चोर हैं जो हम को दरबाँ तुम्हारा टोके...
`दिल ही तो है सियासते दरबां से डर गया'
अच्छीगजल सुनवाई

श्रीकांत पाराशर said...

Diwali ke deepakon ka jhilmil karta prakash aapke ppore pariwar ke jeevan men khushiyon ki roshni bharde, yahi kamna hai.

ghughutibasuti said...

सुन्दर गीत के लिए धन्यवाद ।
आपको व आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

आपके पास तो ख़ज़ाना है।

एस. बी. सिंह said...

मीत भाई बहुत शानदार ग़ज़ल। इस ग़ज़ल को ताहिरा सईद की आवाज़ में सुनाने के लिए इस लिंक पर जाएं-http://www.box.net/shared/5g208e1cyo

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को।

दिनेशराय द्विवेदी said...

सुन्दर गज़ल।

दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ। दीपावली आप और आप के परिवार के लिए सर्वांग समृद्धि और खुशियाँ लाए।

दिलीप कवठेकर said...

Diwali ki haardik Shubh kaamanaaye!!!

अजित वडनेरकर said...

काफ़ी दिनों बाद सुनी ....वही खनकदार आवाज....
बुरी .....पर जो मुरकी है वो अद्भुत है.....