Monday, October 6, 2008

सुमना रॉय की खनकती आवाज़ में ग़ालिब का क़लाम !

भोपाल में रहती थीं सुमना रॉय.आकाशवाणी से कुछ नायाब रचनाएँ रेकॉर्ड करने के बाद अनायास करियर में एक बेहतरीन मोड़ आया और रोशन भारती के साथ सुमना दी को टाइम्स म्युज़िक बैनर तले बाबा ग़ालिब और दाग़ की ग़ज़लों को रेकॉर्ड करने का मौक़ा मिला. ज़िन्दगी में आई ये बहार वाक़ई सुमना दी की ज़िन्दगी में एक ख़ूबसूरत मोड़ ले आई थी. टाइम्स जैसा प्रतिष्टित बैनर,अख़बारों और टीवी चैनल्स पर चर्चे.हाँ इन्हीं दिनों सुमना दी रंगकर्म की ओर भी लौटीं थी. सब कुछ ठीक चल पड़ा था.
मंच इतनी जीवंत कि जैसे ग़ज़ल नहीं गा रहीं हैं आपसे बतिया रहीं हो.बेतक़ल्लुफ़ और आत्म-विश्वास से भरी पूरी.

कई कार्यक्रम एंकर किये उनके और हमेशा एक छोटे भाई सा स्नेह देतीं रहीं वे मुझे. मेरी तमाम मसरूफ़ियात के बावजूद मुझे जब माइक्रोफ़ोन पर देखतीं तो कहतीं कैसे कर लेते हो भाई इतना सब.हाँ ये बताना भूल ही गया कि सुमना रॉय को मलिका ऐ ग़ज़ल बेगम अख़्तर से तालीम और सोहबत मिली थी. जब भी बेगम अख़्तर का नाम उनकी ज़ुबान आता हाथ अपने आप कान पर चला जाता , गोया अपनी उस्ताद का नाम मुँह में आ गया है;मुआफ़ कीजियेगा.

एक दिन अख़बार देखता हूँ तो ये मनहूस ख़बर पढ़ने को मिलती है
ख्यात गायिका सुमना रॉय ने आत्महत्या कर ली.


खनकती आवाज़ और लाजवाब अंदाज़ की बेजोड़ गुलूकारा का दु:खद अंत
... हुए नामवर बेनिशाँ कैसे कैसे !.


11 comments:

अमिताभ मीत said...

वाह ! नायाब, नायाब. क्या बात है.

शायदा said...

क्‍या शानदार गायकी, बहुत ख़ूब आवाज़....बहुत दुख हुआ, क्‍यों बुझ गई।

siddheshwar singh said...

उड़ गए फुलवा , रह गई बास !!

एस. बी. सिंह said...

बहुत शानदार गायकी।सितारे थोडी देर चमक कर अस्त हो जाते हैं शायद।

दिलीप कवठेकर said...

A complete Gazal, captivating mind and soul, ends abruptly, and finds you amidst void, ek Shoonya , an abode, where this poor soul went.

Bhagawaan itane bhavuk insaan kyo banaataa hai?

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

ईश्वर उनकी रुह को जन्नत बख्शे - कितनी सुँदर गायकी है -
-लावण्या

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...
This comment has been removed by the author.
Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

क्या आपके पास है, जब दिल की रहगुज़र पे तेरा नक़्शे पा न था...? इन्होंने ही गाई है।

Udan Tashtari said...

आह्हा!! आनन्द आ गया!!

Sajeev said...

बेहद दुखद संजय भाई ....सुमन जी को याद कर आपने अच्छा किया...और ये ग़ज़ल क्या कमाल का गाया है उन्होंने

Unknown said...

hi im from indonesia wanna give u smile and hope u get all the best in ur life,,

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