Monday, September 1, 2008

एक आवारा सी आवाज़

इस आवाज़ का असर मुझ पर तो कुछ अजब सा होता है ..... आप पर ?

"शब की तन्हाई में इक बार सुन के देखा था
उस की आवाज़ का असर वो था, कि अब तक है..."



9 comments:

Dr. Chandra Kumar Jain said...

हम पर भी असर कुछ
अजब-सा हुआ......शुक्रिया.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन

शोभा said...

बहुत प्यारा गीत है। आभार।

नीरज गोस्वामी said...

मीत साहेब इस बंजारन सी आवाज का जो मुरीद ना हो समझो वो पत्थर है....सदियों में ऐसी आवाज सुनी देती है...आभार आप का सुनवाने के लिए.
नीरज
(इसी धुन पर जगजीत सिंह ने भी गया है ना...कोई दोस्त है ना रकीब है...)

डॉ .अनुराग said...

shukriya......neeraj ji ki baat se ittifaq rakhta hun....

महेन said...

मीत साहब, थोड़ा आगा-पीछा तो दे देते? हम बच्चे इतना ज्ञान नहीं रखते। किसने गाया है? आबिदा परवीन?

Ashok Pande said...

भाई महेन

आवाज़ रेशमा की है. कुछेक डिटेल्स चाहिये हों तो यहां जाएं:

http://kabaadkhaana.blogspot.com/2008/06/blog-post_19.html

बहुत ही सुन्दर रचना है.

pallavi trivedi said...

shukriya...ham bhi is reshmi aawaz ke mureed hain.

L.Goswami said...

ati sundar!!

kapil said...

verry good